आलिया भट्ट पर फिर भड़कीं कंगना रनौत, कहा- करण जौहर की कठपुतली

मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' के बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन के बाद कंगना रनौत ने बॉलीवुड सितारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने चुनौती दी है कि वे सभी को एक्सपोज करेंगी. एक्ट्रेस का ये गुस्सा मणिकर्णिका पर बॉलीवुड सेलेब्स की चुप्पी साधने के बाद जाहिर हुआ है. पिछले एक बयान में उन्होंने आमिर-आलिया के प्रति नाराजगी जाहिर की थी.

कंगना की नाराजगी पर आलिया ने कहा कि अगर कंगना नाराज हैं तो वे उनसे माफी मांगेंगी. अब आलिया के इसी बयान पर कंगना ने फिर निशाना साधा है. पिंकविला से कंगना ने कहा, ''मैंने आलिया से पूछा कि उन्हें ऐसा क्यों लगा कि मणिकर्णिका मेरा निजी विवाद है. ये एक फिल्म है जिसके बारे में पूरा देश बात कर रहा है. ये आश्चर्यजनक है कि बॉलीवुड ने चुप्पी साध रखी है. मैं आलिया से पूछती हूँ, अगर मैं इतनी साहसी हो सकती हूं कि उनके काम की सराहना करूं और सपोर्ट करूं, तो वे क्यों मेरी फिल्म देखने से डर रही हैं.''

करण जौहर की कठपुलती हैं आलिया भट्ट- कंगना

कंगना ने कहा- ''मुझे लगता है उन्हें आगे बढ़कर एक महत्वपूर्ण फिल्म को सपोर्ट करना चाहिए, जो कि महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रवाद पर बनी है. अगर उनकी खुद की आवाज नहीं है तो उनका अस्तित्व सिर्फ करण जौहर की कठपुतली होने का है. ऐसे में मैं उन्हें सफल नहीं कह सकती. मैंने उन्हें कहा था अगर वे सिर्फ पैसा कमाने पर फोकस कर रही हैं और अपनी आवाज नहीं उठाएंगी तो उनकी सफलता का कोई महत्व नहीं है. उम्मीद है कि वे सफलता के सही मायने और अपनी जिम्मेदारी को समझे. नैपो गैंग की जिंदगी फेवर के लेन-देन तक ही सीमित है. आशा है कि आलिया इससे ऊपर उठे.''

कंगना से माफी मांगूंगी- आलिया

इससे पहले कंगना की नाराजगी पर बोलते हुए आलिया भट्ट ने कहा था, ''मुझे नहीं लगता कि कंगना मुझे नापसंद करती हैं. मुझे ये भी नहीं लगता कि मैंने जानबूझकर उन्हें अपसेट किया होगा. अगर मैंने किया है तो मैं उनसे निजी तौर पर माफी मांगूंगी. मैंने हमेशा ये कहा है कि बतौर एक्टर और पर्सन मैं उन्हें बेहद पसंद करती हूं. वे बेबाक हैं, ऐसा रास्त चुनना बहुत हिम्मत का काम है. मैं किसी विवाद के बारे में कुछ नहीं जानती थी. मैं शूटिंग में व्यस्त थी.''

बॉलीवुड सेलेब्स को कंगना ने सुनाआ खरी-खोटी

मणिकर्णिका को लेकर बॉलीवुड की चुप्पी पर कंगना ने निशाना साधा था. एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने आलिया, आमिर, ट्विंकल को लताड़ा था. उन्होंने कहा था- ''मेरी मूवी की स्क्रीनिंग में कोई सेलेब्रिटी नहीं आता. उनकी बारी आती है तो वे बेशर्म होकर मुझे फोन कर बुलाते हैं. आलिया ने मुझे राजी का ट्रेलर भेजा था और फिल्म को देखने की बात कही थी. ट्रेलर देखने के बाद मैंने मेघना गुलजार और आलिया को फोन किया था. लेकिन मेरी फिल्म के लिए किसी की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया. मेरे खिलाफ बड़ा रैकेट चल रहा है.''

8 अगस्त, 2012 को लोकसभा में असम में घुसपैठ और राज्य में बड़े पैमाने पर होने वाली जातीय हिंसा को लेकर स्थगन प्रस्ताव पर बहस चल रही थी. तब बीजेपी की तरफ से इस बहस का नेतृत्व बीजेपी के 'लौह पुरुष' लालकृष्ण आडवाणी ने ही किया था. उस दिन संसद में खूब हंगामा हुआ था और इस स्थगन प्रस्ताव पर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की हालत खराब हो गई थी. ट्रेजरी बेंच की तरफ से लगातर बाधा डालने के बावजूद लालकृष्ण आडवाणी लगातार बोलते रहे और जो कुछ कहना चाहते थे कह कर रहे. दशकों लंबी बेहतरीन राजनीतिक पारी खेलने वाले आडवाणी के लिए यह कोई नई बात नहीं थी. उस अकेले एक दिन के आडवाणी के भाषण में 4,957 शब्द शामिल थे. उनके इस भाषण में 50 बार व्यवधान डालने की कोशिश की गई.

अब बात 8 जनवरी, 2019 की. इस दिन भी लोकसभा में एक और हंगामेदार दिन था. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सदन में नागरिकता संशोधन बिल रखा था. यह बिल संसद में पारित हुआ तो इसका असम के सामाजिक-राजनीतिक जीवन पर गहरा असर होगा. जिस दिन लोकसभा में यह बिल पेश हुआ, बहस हुई, आडवाणी सदन में मौजूद थे. लेकिन इतना महत्वपूर्ण बिल होने के बावजूद उन्होंने एक शब्द नहीं बोला.

यानी इन दस सालों में बीजेपी के 'लौह पुरुष' आडवाणी के लिए दुनिया पूरी तरह से बदल गई. कई वेबसाइट्स पर सांसदों के कामकाज का लेखा-जोखा मौजूद होता है. इनसे यह पता चलता है कि पिछले पांच साल में आडवाणी ने सिर्फ 365 शब्द बोले हैं. इसकी पिछली यानी 15वीं लोकसभा के दौरान आडवाणी 42 बार बहसों और अन्य कार्यवाहियों में हिस्सा लिया और करीब 35,926 शब्द बोले थे.

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